ایک تو نہ ملا، ساری دنیا ملے بھی تو کیا ہے ۔ لتا
 
एक तू ना मिला, सारी दुनिया मिले भी तो क्या है मेरा दिल ना खिला, सारी बगिया खिले भी तो क्या है धरती हूँ मैं और तू है गगन होगा कहाँ तेरा मेरा मिलन लाख पहेरे यहाँ, प्यार दिल में पले भी तो क्या हैं एक तू ना मिला ... तक़दीर की मैं कोई भूल हूँ डाली से...